मेरे भावों की धरती पर तुम धीरे धीरे आना। मेरे भावों की धरती पर तुम धीरे धीरे आना।
आंखों से तेरी ये जुल्फ का साया नहीं जाता, जिन यादों को बसाया उन्हें भुलाया नहीं जाता। आंखों से तेरी ये जुल्फ का साया नहीं जाता, जिन यादों को बसाया उन्हें भुलाया न...
ज़्यादा बड़ा तो नहीं मगर बहुत अच्छा है गांव। ज़्यादा बड़ा तो नहीं मगर बहुत अच्छा है गांव।
उसके बाद का दौर कुछ और है गर्मियों का आनंद जो पहले था वह अब नहीं। उसके बाद का दौर कुछ और है गर्मियों का आनंद जो पहले था वह अब नहीं।